दिल्ली के प्रमुख कोचिंग संस्थान दृष्टि IAS के संस्थापक डॉ. Vikas Divyakirti ने हाल ही में ओल्ड राजिंदर नगर में एक कोचिंग संस्थान में पानी भरने के कारण हुई छात्रों की मौत की घटना के बाद बेसमेंट में कोचिंग क्लासेज के संचालन पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की.
हम पूरी तरह सहमत हैं कि बेसमेंट को सील कर देना चाहिए: Vikas Divyakirti
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा “बेसमेंट को लेकर आजकल बहुत नाराजगी है और हम पूरी तरह सहमत हैं कि बेसमेंट को सील कर देना चाहिए.”
भविष्य में उन्हें अनुमति मिल भी जाती है तो भी वे बेसमेंट में काम नहीं करेंगे
डॉ. दिव्यकीर्ति ने स्वीकार किया कि बेसमेंट में कोचिंग क्लासेज चलाना एक गलत फैसला था और इसे लेकर उठाए गए कदमों की प्रशंसा की. उन्होंने बताया कि उनके संस्थान दृष्टि IAS ने बेसमेंट के पूरे लेआउट स्ट्रक्चर को एमसीडी, डीडीए और फायर डिपार्टमेंट को मंजूरी के लिए सौंपा था लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी. बावजूद इसके उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में उन्हें अनुमति मिल भी जाती है तो भी वे बेसमेंट में काम नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा “एक भी कोचिंग संस्थान बेसमेंट में नहीं चलना चाहिए. हमने 1.5 साल पहले एक डिवीजनल हेड रैंक का अधिकारी नियुक्त किया था जो सिर्फ बिल्डिंग की सुरक्षा देखता है.” इसके अलावा उन्होंने एक व्हाट्सएप ग्रुप का जिक्र किया जिसका काम रोजाना 16 सेफ्टी पॉइंट्स चेक करना है ताकि किसी भी आपात स्थिति में छात्रों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. डॉ. दिव्यकीर्ति ने स्वीकार किया कि इस घटना से सीख लेने की जरूरत है और इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा “मुझसे समझने में गलती हो गई मैं पूरे देश से पूरे समाज से क्षमा मांगता हूं कि गलती हो गई भविष्य में यह गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए.”
दिल्ली के उपराज्यपाल के साथ बैठक के बारे में उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लगा कि उपराज्यपाल इतने सक्रिय थे और उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया. उन्होंने यह भी बताया कि एक छोटी समिति बनाई गई है जिसमें डीडीए, एमसीडी प्रमुख और कई अन्य शिक्षक शामिल हैं जो इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए बैठकें करेंगे.
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डॉ. दिव्यकीर्ति ने इस घटना पर खेद जताते हुए कहा कि वे किसी भी स्थिति में छात्रों या स्टाफ की जान को खतरे में नहीं डालना चाहते. उन्होंने यह सुनिश्चित करने का वादा किया कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों.