Gaya: गया पंचानपुर थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। गांव की एक नाबालिग लड़की के साथ 5 युवकों ने जबरन दुष्कर्म करने की कोशिश की। यही नहीं, इस घिनौने हरकत का वीडियो भी बनाकर फेसबुक पर वायरल कर दिया। पीड़िता ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है लेकिन हैरानी की बात यह कि एफआईआर दर्ज हुए पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस उस वीडियो को सोशल मीडिया से हटवाने में अब तक नाकाम रही है। हालांकि उसने अबतक 5 में से दो आरोपी को जेल भेजा है।
पुलिसिया लापरवाही का आलम यह है कि थाना स्तर के अफसर अब तक कुंभकर्णी नींद में पड़े हैं। एक तरफ पीड़िता और उसका परिवार सामाजिक बदनामी से तिलमिला रहा है तो दूसरी तरफ वायरल वीडियो पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। फेसबुक पर वीडियो के साथ एक बेहद अश्लील गाना भी बज रहा है जो मामले को और भी शर्मनाक बना रहा है।
हालांकि, पंचानपुर पुलिस ने आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बाकी तीन आरोपी अब भी फरार हैं। उनकी तलाश जारी है। नाबालिग पीड़िता का आरोप है कि युवकों ने सुनियोजित तरीके से इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाला है। ताकि उसकी शादी टूट जाए और परिवार को जीवनभर बदनामी की टीस झेलनी पड़े। पीड़िता अभी नाबालिग है और उसका विवाह अगले वर्ष के लिए तय है। उसने हाल ही दसवीं की परीक्षा सेकेंड डिवीजन से पास की है। पिता गांव में मजदूरी करते हैं। थोड़ी बहुत खेती भी करते हैं।
नाबालिग लड़की का दर्द
पीड़िता ने बताया कि यह घटना फरवरी 2025 की है। रात में वह शौच के लिए घर से 200 मीटर दूर गई थी। तभी पहले से घात लगाए बैठे कुछ युवक उसे पकड़कर हथियार के बल पर जबरदस्ती करने लगे। जब वह चीखने लगी तो उसे पास के पईन की ओर घसीटने लगे। गनीमत रही कि शोर सुनकर परिजन दौड़ पड़े। युवकों को भागना पड़ा।
घटना के बाद गांव में आरोपियों के ख़ौफ और सामाजिक प्रतिष्ठा के डर से मामला दबा रहा। लेकिन 16 अप्रैल को जब आरोपियों ने वीडियो वायरल कर दिया, तो मामला फिर से उभरकर तेजी से सामने आ गया है। परिवार ने पहले समझाने की कोशिश की। मामले को रफादफा करना चाहा लेकिन आरोपी उल्टा धमकी देने लगे। मजबूर होकर पीड़िता के घरवाले 24 अप्रैल को थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की सुस्त कार्यशैली
थानाध्यक्ष कन्हैया कुमार ने दावा किया कि एफआईआर के बाद तुरंत कार्रवाई की गई और साइबर थाने को फेसबुक से वीडियो डिलीट कराने के लिए कहा गया। लेकिन दैनिक भास्कर की पड़ताल कुछ और ही कहानी बयां करती है। सोमवार शाम 4:30 बजे तक पंचानपुर थाना की ओर से साइबर थाने को कोई आधिकारिक सूचना नहीं भेजी गई थी। ऐसा ने केवल पुलिस सोर्स का कहना है बल्कि एक अधिकारी भी कहना है।
जब पीड़िता ने खुद शाम 5 बजे साइबर थाने में गुहार लगाई और दैनिक भास्कर की टीम ने पड़ताल शुरू की, तब जाकर पुलिस महकमा फ़ौरन हरकत में आया। आनन-फानन में शाम 6 बजे फेसबुक को वीडियो हटाने का अनुरोध भेजा गया। सवाल ये उठता है कि आखिर 5 दिन तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही?
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अधिकारी भी हुए सख्त:
टिकारी एसडीपीओ एसके चंचल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि साइबर थाना से संपर्क करने में यदि कोई भी लापरवाही हुई है तो तहकीकात होगी। साथ ही फेसबुक और मेटा से बातचीत कर वीडियो हटवाने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेताया कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
साइबर थाना भी जागा
साइबर थाना प्रभारी निशु मल्लिक ने बताया कि शाम में पीड़िता ने खुद थाने में शिकायत की है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए वीडियो हटाने के लिए फेसबुक को तत्काल लिखा गया है। मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए प्राथमिकता दी जा रही है।