Hazaribagh: झारखंड-बिहार सीमा पर स्थित चौपारण प्रखंड की कुख्यात दनुआ घाटी एक बार फिर दर्दनाक सड़क हादसे का गवाह बनी। शुक्रवार की सुबह एक कंटेनर और ट्रेलर के बीच भीषण टक्कर में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों मृतक उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब लोहे की भारी रिंगें लदा एक ट्रेलर घाटी से गुजर रहा था और पीछे से आ रहा तेज रफ्तार कंटेनर अनियंत्रित होकर उसमें जा टकराया। टक्कर इतनी भीषण थी कि कंटेनर का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और चालक तथा उपचालक केबिन में ही दब गए।
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान उत्तर प्रदेश के कैलाश सिंह (पिता – मलखान सिंह) और दिनेश कुमार (पिता – डूंगर सिंह) के रूप में की गई है। दोनों कंटेनर में सवार थे। दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों और राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। राहत कार्य में काफी मशक्कत के बाद शवों को वाहन के मलबे से निकाला जा सका।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि दनुआ घाटी में लगातार हादसे हो रहे हैं, परंतु सरकार और प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि घाटी में न तो ट्रैफिक सिग्नल है, न ही गति नियंत्रण की कोई व्यवस्था। ओवरलोडेड और तेज रफ्तार वाहनों पर भी कोई निगरानी नहीं है।
बताते चलें कि दनुआ घाटी में पिछले कुछ वर्षों से लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। खराब सड़कों, तीव्र मोड़ों और ढलानों के साथ-साथ वाहनों की अनियंत्रित गति इस क्षेत्र को अत्यंत खतरनाक बना देती है। हर कुछ महीनों में यहां बड़े हादसे सामने आते हैं, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है।
पुलिस ने दोनों दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को जब्त कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में कंटेनर चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार को हादसे का मुख्य कारण बताया जा रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और संबंधित परिवहन कंपनियों को सूचना दे दी गई है।
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स्थानीय सामाजिक संगठनों और नागरिकों ने सरकार से मांग की है कि दनुआ घाटी में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, वाहनों की गति सीमा तय की जाए, नियमित ट्रैफिक निगरानी हो और घाटी की सड़कों की तत्काल मरम्मत की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।