Dhanbad: झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित पर्यटन स्थल मैथन डैम, जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है, इन दिनों एक गंभीर संकट की ओर बढ़ रहा है। यहां सैकड़ों की संख्या में बच्चे और किशोर खतरनाक स्टंट कर अपनी जान से खेल रहे हैं, जबकि उनके परिजन और स्थानीय प्रशासन इस गंभीर स्थिति से पूरी तरह बेखबर या उदासीन नजर आ रहे हैं।
मैथन डैम को ‘झारखंड का कश्मीर’ कहा जाता है। यहां के झरने, हरियाली, टापू, फूलों की बगान और स्पीड बोटिंग जैसे आकर्षण सैलानियों को खींच लाते हैं। लेकिन इसी पर्यटन स्थल का एक हिस्सा – गोगना इंटेक्स एरिया – अब मौत का अड्डा बनता जा रहा है।
जानलेवा स्टंट, गहरा पानी और नशे की लत
प्रतिदिन धनबाद, गोविंदपुर, कुमारधुबी, निरसा, चिरकुंडा, बराकर, कुल्टी और आसनसोल जैसे क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में किशोर बाइक से यहां पहुंचते हैं। वे बिना किसी सुरक्षा के 20 से 25 फीट ऊंचे अधिनिर्मित इंटेक्स स्ट्रक्चर से गहरे पानी में छलांग लगाते हैं। यह न केवल जानलेवा है, बल्कि गैरकानूनी और आत्मघाती भी है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि ये बच्चे और किशोर नशे का सेवन कर इन स्टंट्स को अंजाम दे रहे हैं। इससे न केवल उनका भविष्य बर्बादी की ओर जा रहा है, बल्कि उनके परिवार भी अंधकार में जी रहे हैं।
हाल ही में तीन युवकों की मौत
कुछ दिन पहले ही मैथन डैम में नहाने के दौरान धनबाद के तीन युवकों की मौत हो गई थी। बावजूद इसके न तो प्रशासन ने कोई ठोस कदम उठाया और न ही स्थानीय परिजन सतर्क हुए। ऐसा प्रतीत होता है कि किशोरों को इन मौतों से कोई सीख नहीं मिली, और वे लगातार खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं।
स्थानीय समाजसेवी की अपील
स्थानीय समाजसेवी रंजीत महतो ने इस मामले में गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “बच्चे मस्ती में मौत को भूल गए हैं। बिना सोचे-समझे जानलेवा स्टंट कर रहे हैं। डीवीसी और प्रशासन से मेरी मांग है कि इंटेक्स एरिया को डेंजर जोन घोषित किया जाए और वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाए।”
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क्या करें अभिभावक और प्रशासन?
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अभिभावकों को चाहिए कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान दें। वे कहां जा रहे हैं, किनके साथ हैं, क्या कर रहे हैं – इन बातों की नियमित जांच करें।
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प्रशासन को चाहिए कि इस क्षेत्र में सुरक्षा बल तैनात किए जाएं और स्टंट या नहाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
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स्थानीय लोगों और समाजसेवियों को भी जागरूकता फैलानी चाहिए ताकि ये किशोर समय रहते संभल सकें।
मैथन डैम, जो कभी सुकून और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र था, आज जानलेवा शौक का गढ़ बनता जा रहा है। अब समय आ गया है कि सभी जिम्मेदार संस्थाएं और अभिभावक एकजुट होकर बच्चों को इस अंधेरे रास्ते से बाहर निकालें – वरना कोई बड़ी त्रासदी ज्यादा दूर नहीं है।