Gumla: जिले में वट सावित्री व्रत का पर्व सोमवार को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार उपवास रखा और वटवृक्ष (बरगद के पेड़) की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र, परिवार की सुख-समृद्धि और मंगलकामना की।
सुबह से ही महिलाएं रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधानों और श्रृंगार में सजकर वटवृक्षों के नीचे एकत्रित हुईं। उन्होंने विधिपूर्वक व्रक्ष की परिक्रमा की और सावित्री-सत्यवान की पावन कथा का श्रवण किया। कथा के माध्यम से उन्होंने सत्य और निष्ठा की प्रतीक सावित्री की प्रेरणादायक गाथा को जाना, जिन्होंने अपने तप, भक्ति और संकल्प से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाए थे।
शहर के विभिन्न मंदिरों और सार्वजनिक स्थलों के निकट स्थित वटवृक्षों के नीचे पूजन-पाठ के आयोजन हुए। स्थानीय पुजारियों ने विधिवत पूजा संपन्न कराई और कथा सुनाई। पूजा के दौरान महिलाओं ने पुड़िया, धागा, फल-फूल और अन्य पूजन सामग्री अर्पित की।
व्रत को लेकर बाजारों में भी खासा उत्साह देखने को मिला। पूजन सामग्री की दुकानों पर सुबह से ही भीड़ उमड़ी रही। सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, धागा और प्रसाद की खरीदारी को लेकर बाजारों में रौनक रही।
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वट सावित्री व्रत का यह पर्व नारी शक्ति के त्याग, प्रेम और आस्था का प्रतीक माना जाता है, जिसे पूरे श्रद्धा भाव से मनाकर महिलाओं ने पारिवारिक समृद्धि और पतिपरायणता की मिसाल पेश की।