Hazaribagh: हजारीबाग शहर में इन दिनों बस चालकों और संचालकों की मनमानी और गुंडागर्दी आम बात हो गई है। शहर के पुराने और नए बस स्टैंड पर दिनदहाड़े अवैध बसों का संचालन किया जा रहा है, वह भी बिना किसी परमिट के। बिहार और झारखंड की दर्जनों बसें विदाउट परमिट धड़ल्ले से सवारियों को भरती हैं और जब तक बसें पूरी तरह भर नहीं जातीं, तब तक उन्हें चलाया नहीं जाता। इससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे चिंता की बात यह है कि जो यात्री या स्थानीय लोग इस मनमानी का विरोध करते हैं, उनके साथ गाली-गलौज, मारपीट और यहां तक कि मर्डर की धमकी तक दी जाती है। यह सब कुछ बस ड्राइवर और कंडक्टर, अपने संचालकों के इशारे पर खुलेआम कर रहे हैं।
शहर के दोनों प्रमुख बस स्टैंड — पुराना बस स्टैंड और नया बस स्टैंड — पर अव्यवस्था का आलम यह है कि जहां-तहां बसों को पार्क कर दिया जाता है, जिससे ट्रैफिक बाधित होता है और आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस पूरे मामले पर जब उत्तरी छोटा नागपुर क्षेत्र के प्रादेशिक परिवहन पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा:”हमने इस संबंध में कई शिकायतें प्राप्त की हैं। बिना परमिट चल रही बसों और अवैध वसूली के मामलों की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हम जल्द ही विशेष जांच अभियान चलाकर अवैध संचालन पर रोक लगाएंगे। यात्री असुविधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
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स्थानीय प्रशासन की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता के कारण बस चालकों की हिम्मत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आम जनता प्रशासन से अपेक्षा कर रही है कि जल्द से जल्द इस स्थिति पर लगाम लगाई जाए और हजारीबाग को इस तरह की अराजकता से मुक्त किया जाए।