Wednesday, July 2, 2025
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Bihar को मिलेगा पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट, बांका में बनेगा 500 मेगावाट का बिजलीघर

पटना | Bihar जल्द ही देश के परमाणु ऊर्जा मानचित्र पर अपनी जगह दर्ज करेगा। राज्य का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट अब बांका जिले में स्थापित किया जाएगा।

नीतीश सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को औपचारिक प्रस्ताव भेज दिया है, और अब केंद्र की तकनीकी टीम जल्द ही स्थल का निरीक्षण करेगी।

Bihar Nuclear Power Plant: बांका को क्यों चुना गया?

पूर्व में बांका में 4000 मेगावाट की अल्ट्रा मेगा पावर परियोजना प्रस्तावित थी, लेकिन यह योजना क्रियान्वित नहीं हो सकी। अब बिजली कंपनी ने बांका में ही न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है।

परमाणु बिजलीघर की स्थापना के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता अनिवार्य होती है। पहले नवादा जिले के रजौली में यह परियोजना प्रस्तावित थी, पर वहां जल संसाधनों की सीमित उपलब्धता के कारण योजना आगे नहीं बढ़ सकी। इसके विपरीत बांका में गंगा का जल सालभर उपलब्ध रहता है, जिससे यह स्थान परियोजना के लिए आदर्श सिद्ध हुआ।

Bihar Nuclear Power Plant: कैसे काम करता है न्यूक्लियर पावर प्लांट?

  • न्यूक्लियर पावर प्लांट में यूरेनियम जैसे रेडियोधर्मी तत्वों की विखंडन क्रिया से ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • इसमें एक न्यूक्लियर रिएक्टर, शीतलन प्रणाली, नियंत्रण प्रणाली, और सुरक्षा तंत्र होता है।
  • उत्पन्न गर्मी से भाप बनाई जाती है जो टरबाइन को घुमाती है और बिजली उत्पादन होता है।
  • विकिरण नियंत्रण और सुरक्षा निगरानी का विशेष ख्याल रखा जाता है।

Bihar Nuclear Power Plant: मुख्य तथ्य एक नजर में

  • स्थान: बांका, बिहार
  • प्रस्तावित क्षमता: 500 मेगावाट
  • प्रस्ताव भेजा गया: केंद्र सरकार को
  • कारण: पानी की सतत उपलब्धता (गंगा नदी)
  • मांग: राज्य सरकार द्वारा, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के माध्यम से
  • तकनीक: स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR)

Bihar Nuclear Power Plant: ऊर्जा मंत्री का पक्ष

पूर्वी भारत के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने देश के 6 राज्यों में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) आधारित परमाणु संयंत्रों की स्थापना की बात कही थी। इस दौरान बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने राज्य में संयंत्र की मांग रखी थी, जिसे केंद्र ने सहमति दे दी।

भावी संभावनाएँ

यदि यह परियोजना सफलतापूर्वक शुरू होती है, तो बिहार न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाएगा, बल्कि यह भविष्य में परमाणु ऊर्जा आधारित विकास के लिए एक मॉडल स्टेट भी बन सकता है।

 

 

 

 

 

 

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