नई दिल्ली – Indo-Pak Conflict: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर सतह पर आ गया है। मंगलवार को भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी को “अवांछित व्यक्ति” (Persona Non Grata) घोषित करते हुए 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को इस संबंध में औपचारिक डिमार्शे (démarche) भी जारी किया।
Indo-Pak Conflict: क्या कहा विदेश मंत्रालय ने?
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि संबंधित पाकिस्तानी अधिकारी अपने आधिकारिक कर्तव्यों की सीमाओं से परे गतिविधियों में लिप्त पाया गया, जो वियना संधि का उल्लंघन है। इसके चलते भारत सरकार ने उसे देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
Indo-Pak Conflict: चार दिनों तक युद्ध जैसे हालात, ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में भारत का पलटवार
भारत और पाकिस्तान के बीच बीते चार दिनों में स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही। भारतीय सेना ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमलों का प्रयास किया, लेकिन भारत के उन्नत एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें नाकाम कर दिया।
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भारत ने जवाबी कार्रवाई में 11 पाकिस्तानी एयरबेस और डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। स्थिति बिगड़ती देख पाकिस्तान की सेना ने भारत के DGMO को फोन कर सीजफायर की मांग की।
Indo-Pak Conflict: भारत ने कड़े रुख के साथ जारी रखे प्रतिबंध
सीजफायर के बावजूद भारत ने पाकिस्तान पर पहले से लगे प्रतिबंधों को बरकरार रखा है:
- सिंधु जल संधि को भारत ने रद्द कर रखा है।
- भारत-पाक व्यापार पूर्णतः बंद है।
- सार्क वीज़ा और अटारी बॉर्डर भी अभी तक बंद हैं।
सरकार के सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को दोबारा किसी भी आतंकी हरकत या उकसावे की कीमत चुकानी पड़ेगी।
कूटनीतिक हलचलों से बढ़ी हलचल
पाकिस्तानी अधिकारी की निष्कासन की खबर के बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव और गहरा गया है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि भारत के इस कदम का उद्देश्य स्पष्ट है — राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
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