Ranchi: Jharkhand की हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने और लापरवाह अधिकारियों पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है।
स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने लगातार ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले 143 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इन सभी डॉक्टरों को अपने पदस्थापन स्थल पर समय रहते योगदान नहीं देने के चलते यह कठोर कार्रवाई की गई है।
Jharkhand News: बिना अनुमति गायब, अब बर्खास्त
इन 143 चिकित्सकों की पोस्टिंग झारखंड के अलग-अलग जिलों में थी। लेकिन ये सभी डॉक्टर लंबे समय से बिना किसी सूचना और सरकारी अनुमति के गायब थे। कई डॉक्टर वर्षों से अपने पदस्थापन स्थल पर लौटे ही नहीं। विभाग ने कई बार इन्हें नोटिस भेजा, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो आखिरकार नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
Jharkhand News: जारी हुई आधिकारिक अधिसूचना
स्वास्थ्य विभाग ने इस पूरे मामले में आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी है, जिसमें सभी बर्खास्त डॉक्टरों के नाम सूचीबद्ध हैं। अधिसूचना में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सेवा नियमों के उल्लंघन, कार्य में लापरवाही और सरकारी निर्देशों की अवहेलना के कारण यह निर्णय लिया गया है।
Jharkhand की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
डॉक्टरों की गैरमौजूदगी का सीधा असर राज्य की ग्रामीण और शहरी दोनों स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा था। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में जहां पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है, वहां इन लापरवाह डॉक्टरों की अनुपस्थिति मरीजों के लिए भारी पड़ रही थी। सरकार के इस फैसले से उम्मीद की जा रही है कि अब बाकी अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेंगे।
भविष्य में नहीं मिलेगी नौकरी
जानकारी के मुताबिक, जिन डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है, उन पर भविष्य में किसी भी सरकारी सेवा में बहाली का रास्ता भी बंद हो गया है। यह निर्णय एक चेतावनी के रूप में भी देखा जा रहा है कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री का सख्त रुख
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में भ्रष्टाचार, लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार पर ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ अपनाई जाएगी। यह फैसला उसी नीति का हिस्सा माना जा रहा है। अब स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मियों और डॉक्टरों को भी सतर्क रहने की जरूरत है।
झारखंड सरकार की यह कार्रवाई न केवल एक चेतावनी है बल्कि यह राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सही दिशा में लाने का एक गंभीर प्रयास भी है। उम्मीद है कि अब सरकारी सेवाओं में जवाबदेही और कार्य संस्कृति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा.