तदाशा मिश्रा मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली हैं और अपने सख्त तेवर व निष्पक्ष कार्यशैली के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अब तक पुलिस सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। DGP बनने से पहले वे गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत थीं।

अपने कार्यकाल के दौरान तदाशा मिश्रा ने अपराधियों के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाइयाँ कीं। बोकारो की एसपी रहते हुए उन्होंने अपराध पर लगाम कस दी थी। उनके कार्यकाल का सबसे चर्चित मामला कुख्यात अपराधी आनंद सिंह के एनकाउंटर का था, जो धनबाद के बरटांड इलाके में हुआ था। उनके नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक एनकाउंटर किए गए, जिससे अपराधियों में भय का माहौल बना।
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व्यक्तिगत जीवन में भी उन्होंने कई कठिन दौर देखे हैं। उनके इकलौते बेटे अत्येंद्र अन्वेष मिश्रा ने कुछ वर्ष पहले आत्महत्या कर ली थी। इसके बावजूद तदाशा मिश्रा ने दृढ़ संकल्प और सेवा भावना के साथ पुलिस सेवा में अपना योगदान जारी रखा।
तदाशा मिश्रा 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगी। अपने कार्यकाल के शेष समय में वे झारखंड पुलिस को नई दिशा देने और कानून व्यवस्था को और सशक्त बनाने की दिशा में कार्य करेंगी।





