Kaimur: कैमूर जिले के भभुआ शहर से हर रोज निकलने वाले हजारों टन कूड़े-कचरे को भभुआ-चैनपुर पथ के किनारे सुवरन नदी के उस पार सारंगपुर मौजे में कूड़े-कचरे को फेंक दिया जा रहा है, जहां पर आसपास में दर्जनों घरों में लोग रहते हैं, यहां पर कई दुकानें व बड़ी बड़ी इमारतें बनी हुई हैं, पिछले कुछ वर्षों में काफी संख्या में लोगों ने अपने घरों का निर्माण कराया है, यह स्थल यूपी से चैनपुर के तरफ से आने वाले लोगों के लिए शहर का प्रवेश द्वार है, जहां शहर के प्रवेश द्वारा पर गंदगी जिला प्रशासन की स्वच्छ भारत अभियान का पोल खोल रहा है।
इस स्थल पर कूड़े में आग लगने के कारण हमेशा आग की लपटें और धुएं उठती रहती हैं, जिससे इसके समीप बसे गांव सारंगपुर, गोड़हन और दुमदुम आदि गांव की हवा प्रदूषित हो रही है, लाग लगने का कारण बीड़ी सिगरेट फेंकने से या नगर पालिका के कर्मियों द्वारा कचड़े में आग लगा दी जाती है, जिसके उठते धुएं से प्रायः इस स्थल के समीप दुर्घटनाएं होती रहती हैं, इस निकलने वाले धुएं से जहां राहगीरों व आसपास के लोगों को श्वास लेने में दिक्कत और कचड़े से निकलने वाली बदबू से प्रतिदिन सामना करना पड़ रहा है।
वहीं फेंके जा रहे कूड़े के पॉलीथिन व अन्य घातक तत्वों की वजह से आसपास के खेत बंजर होने लगे हैं, लोगों को गंभीर बीमारी की चपेट में आने की चिंता सताने लगी है, कचड़े के ढेर से निकलने वाली जहरीले धुएं से घरों में रहना मुश्किल हो जाता है, इस प्रदूषण से पशु पक्षियों के भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, नगर पार्षद व वार्ड पार्षद सबकुछ जानकर मुकदर्शक बना हुआ है,लोगों की शिकायतों को दरकिनार किया जा रहा है।
बता दें कि कचरा डंप स्थल के समीप एक छात्रावास भी है जहां के बच्चें एवं शिक्षक भी इसके दुर्गंध और प्रदूषित धुंआ से परेशान रहते हैं, जब कचरे के ढेर में आग लग जाती है तब चारों ओर धुंआ-धुंआ नजर आता है, यह हवा के साथ छात्रावास तक पहुंच जाती है, जिससे बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं कुछ बच्चों ने बताया कि धुंए से आंखों में जलन होने लगती है।
वही आज रविवार को किसी कार्य से भभुआ के जिला परिषद सदस्य विकास सिंह उर्फ लल्लू पटेल इस रास्ते से कहीं जा रहे थे, जब उन्होंने उठती धुआं के अंबार को देखा तो वह हैरान और परेशान हो गए, अपनी गाड़ी से उतर कर उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत करके उनके परेशानियों को जाना और समस्या से तत्काल निजात दिलाने का भरोसा जताया, उन्होंने इस बात की शिकायत नगरपालिका के पदाधिकारियों से की जिसके बाद विभाग हरकत में आया और कुछ ही देर में दमकल वाहन द्वारा लगे आग को बुझाने का काम शुरू कर दिया गया, वही लोगों का कहना है कि घर के पास कचड़ा डंप किए जाने से धुआं हमारे घरों में घुस जा रहा है, बच्चें और बुजुर्गों को इससे ज्यादा परेशानी है, मोहल्ले वालों द्वारा इसकी शिकायत कई बार नगर प्रशासन से की गई है, वे लोग जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि इस क्षेत्र को यथा शीघ्र कचड़ा मुक्त कराया जाए ताकि वे भी अपनी जिंदगी खुशहाली पूर्वक काट सकें, अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो वे सब आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
वहीं जिप सदस्य विकास ने बताया कि यह क्षेत्र नगर परिषद के अधीन नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में मेरे जिला परिषद क्षेत्र में आता है, और मेरे क्षेत्र में इस तरह का कार्य किया जाना उन्हें बर्दाश्त नहीं है, उन्होंने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि अपने कूड़े को अपने क्षेत्र में डंप करो, हमारे क्षेत्र में मत घुसो, तुम्हारे कार्यों ने हमारे क्षेत्र के लोगों का जीवन जीना दूसवार कर दिया है, जल्द ही वह इस मामले को लेकर जिला के वरीय अधिकारियों से मिलेंगे, अगर उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो बहुत बड़ा आंदोलन होगा।
जहरीले धुएं से खासकर श्वास व आंख की परेशानी होती है,जो स्वास्थ्य के साथ पशु पक्षियों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर डालता है,
वहीं स्थानीय दुकानदार नथुनी यादव ने बताया कि इलाके में बड़े पैमाने पर कचड़ा डंप किया जा रहा है, इस पर तत्काल रोक लगे, आसपास के सभी लोग इससे प्रभावित हैं, अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बन सकता है, वहीं राजेश सिंह ने कहा कि कचरे के ढेर से निकलने वाली बदबू एवं धुएं ने जीना मोहाल कर दिया है, धुएं से लोगों का दम घुटने लगता है, घरों में ठीक से खाना भी नहीं खा पाते, जिला प्रशासन को इस पर तत्काल रोक लगानी चाहिए
वहीं क्षेत्रीय समाजसेवी राजेश पासवान ने बताया कि मैं वातावरण के इस तरह के प्रदूषण से चिंतित हैं, उनके द्वारा वार्ड पार्षदों से लेकर नगर अध्यक्ष से इसकी शिकायत की गई है लेकिन कोई निदान नहीं किया गया, उन्होंने बताया कि अबकी बार लड़ाई आर पार की होगी, जल्द ही आंदोलन शुरू किया जाएगा, और इस मुख्य सड़क का घेराव किया जाएगा,
वहीं जब इस मामले पर भभुआ नगर परिषद सभापति विकास तिवारी उर्फ बब्लू तिवारी से जानकारी लिया गया तो, इस बात से दुख व्यक्त करते हुए बताया कि इस बात से मुझे भी काफी दुख है, क्योंकि मैं भी उस रास्ते से जाता हूं जिसे देख मुझे भी बहुत खराब लगता है, मैं भी नहीं चाहता कि शहरी क्षेत्र में कुंडा कचरा का डंपिंग कराया जाए, मजबूरी यह है कि जमीन नहीं मिलने के कारण मजबूरन सुवरन नदी के पास कूड़ा का डंपिंग किया जा रहा है, इसको लेकर कई बार टेंडर निकाला गया और जिला पदाधिकारी को भी आवेदन दिया लेकिन जमीन का रेट कम होने के कारण किसी ने भी टेंडर में जमीन के लिए आवेदन नहीं किया, अगर नगर विकास द्वारा जमीन दिया जाता है तो वहां से कचड़ा डंपिंग का कार्य हटा दिया जाएगा, कई बार जमीन मिला भी तो आस पास के लोगों ने उसका विरोध की जिस कारण कूड़ा डंपिंग कहीं और नहीं हो पा रहा है, इसको लेकर मुझे भी दुख है कि वहां अब बस्ती बन गया है और ज्यादा की संख्या में वहां बस चुके हैं।
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