Dhanbad News: सरायढेला स्थित दुर्गा मंडप परिसर में मंगलवार को करम अखाड़ा समिति द्वारा करमा महोत्सव 2025 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 13 टोलियों ने पहुंचकर नृत्य और गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
करम पूजा झारखंड की एक प्राचीन परंपरा है। बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना के लिए इसे विशेष रूप से करती हैं। इस पूजा में बहनें सात से नौ दिनों तक उपवास रखती हैं और ‘जवा डाली’ उगाती हैं। मंगलवार को आयोजित उत्सव में बहनों ने पारंपरिक गीतों और नृत्यों के माध्यम से कर्मा पूजा की सांस्कृतिक छटा बिखेरी।
समिति के संयोजक राजन महतो ने बताया कि जिले के विभिन्न गांवों से आईं महिलाओं और युवतियों ने अपनी पारंपरिक प्रस्तुति से कार्यक्रम को खास बना दिया। उन्होंने कहा कि करम पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि झारखंड की संस्कृति और विरासत है। इसके माध्यम से समाज में भाई-बहन के रिश्ते और आपसी भाईचारे का संदेश दिया जाता है।
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राजन महतो ने आगे कहा कि इस करमा महोत्सव का उद्देश्य नई पीढ़ी को कर्मा पूजा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी संस्कृति को समझें और उसे आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें।