Nirsa: एमपीएल प्रबंधन की कथित मनमानी और उपेक्षित रवैये के खिलाफ स्थानीय युवकों और ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने एमपीएल के मुख्य गेट को जाम कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए साफ कहा कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस और सकारात्मक वार्ता नहीं होती, तब तक धरना जारी रहेगा।

धरना पर बैठे लोगों का कहना है कि एमपीएल की स्थापना के समय स्थानीय लोगों को कई आश्वासन दिए गए थे—जैसे स्थायी रोजगार, बिजली-पानी की सुविधा, स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था। लेकिन हकीकत में उन्हें सिर्फ धूल, प्रदूषण और बीमारियाँ मिली हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों को काम दिया गया है, वे भी वर्षों से अस्थायी तौर पर कार्यरत हैं और वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एमपीएल प्रबंधन ने निरसा के अंचलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी और पुलिस बल को मौके पर बुला लिया है। फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, लेकिन शांति बनाए रखने की कोशिश की जा रही है।
धरना पर बैठे लोगों ने बताया कि एक माह पूर्व इन्हीं मुद्दों पर श्रमायुक्त कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुई थी, लेकिन वह भी विफल रही। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षों से लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं, लेकिन एमपीएल प्रबंधन हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है।
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सूत्रों के अनुसार, इस आंदोलन की जानकारी धनबाद सांसद ढुल्लू महतो को दे दी गई है। प्रदर्शनकारियों को विश्वास है कि उनके हस्तक्षेप से समाधान की दिशा में ठोस पहल की जाएगी।
धरना स्थल पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी है और प्रशासन पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। अब देखना यह है कि एमपीएल प्रबंधन लोगों की आवाज सुनेगा या आंदोलन और तेज होगा।









