भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद Dr. Pradeep Verma ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पर कड़ा प्रहार किया है।
उन्होंने झामुमो से कहा कि वह धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल बंद करे और यह स्पष्ट करे कि राज्य में भारत का संविधान लागू है या उन्होंने खुद का कोई संविधान लागू कर दिया है।
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वर्मा ने झामुमो प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति में इस कदर डूबी हुई है कि अब वह संवैधानिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर उकसाने वाली भाषा का प्रयोग कर रही है। उन्होंने झामुमो से राष्ट्रविरोधी बयान देने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की।
वक्फ संशोधन कानून को लेकर वर्मा ने कहा कि यह कानून संसद से पारित हुआ है और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू हुआ है। इससे गरीब और वंचित मुस्लिम समाज को लाभ मिलेगा। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उसने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए इस कानून को कमजोर किया था।
प्रदीप वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि संशोधित वक्फ कानून के तहत झारखंड की आदिवासी जमीनें—जो शेड्यूल 5 के अंतर्गत आती हैं—अब वक्फ संपत्ति के अंतर्गत नहीं लाई जा सकतीं। इससे आदिवासी समाज की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की सराहना करते हुए कहा कि वक्फ कानून में किया गया संशोधन गरीबों के हित में है, जबकि विपक्षी पार्टियां भ्रम फैलाने का प्रयास कर रही हैं, जैसा उन्होंने पहले तीन तलाक और सीएए के समय किया था।
अंत में वर्मा ने कहा कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू खुद आदिवासी समाज से हैं और उन्हें इस कानून की अहमियत अच्छे से पता है। उन्होंने झामुमो पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता अब सब कुछ समझती है।
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